Rajasthan Road Accidents: राजस्थान में 15 जनवरी से 14 फरवरी, 2024 तक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह मनाया जाएगा जिसके लिए सूबे के मुखिया भजनलाल शर्मा ने सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी है. सीएम ने कहा है कि सड़क सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सबका साथ, सबका प्रयास और सबकी भागीदारी की आवश्यकता है लेकिन प्रदेश में सड़क सुरक्षा पर हर साल करीब 40 करोड़ रुपए खर्च होने के बावजूद भी मौतों का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है.
भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में 23614 सड़क हादसों में 11104 लोगों की जान चली गई थी. वहीं साल 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 24705 हादसों में 11762 लोगों की मौत का हो गया. आंकड़ों से देखें तो साल 2022 की तुलना में साल 2023 में 658 अधिक लोगों की मौत हुई. सरकारी तंत्र लगातार हादसों की समीक्षा कर रहा है लेकिन पुलिस और परिवहन विभाग इन पर काबू पाने में नाकाम दिखाई पड़ रहा है.
सड़क हादसों के मौत वाले आंकड़े!
वहीं आंकड़ों का आंकलन करने पर पता चलता है कि हर दिन 67 सड़क हादसों में 32 लोगों की मौत हो रही है. वहीं 63 लोग घायल हो रहे हैं. मालूम हो कि केंद्रीय सड़क सुरक्षा एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पहले 2020 तक प्रदेश को मौतों में 50 फीसदी कमी लाने का टारगेट तय कर रखा है. वहीं हादसों में कमी नहीं होने के बाद सरकार ने इस टारगेट को 2025 तक बढ़ा दिया था.
2022 की तुलना में 6 फीसदी की बढ़ोतरी
वहीं 2022 की तुलना में साल 2023 में सड़क हादसों और घायलों में सबसे अधिक बढ़ोतरी मौत के आंकड़ें में हुई है जहां मौत के आंकड़ा 6 प्रतिशत तक बढ़ा है. इसके अलावा घायलों में 3 प्रतिशत की और हादसों में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
किस जिले में हुई अधिक मौतें?
इसके अलावा प्रदेश के 33 जिलों में आंकड़ों का आंकलन करें तो सबसे अधिक सड़क हादसे और मौतें जयपुर उत्तर में हुए हैं जहां जयपुर उत्तर में साल 2022 की तुलना 12 अधिक सड़क हादसे हुए हैं. वहीं घायलों की संख्या में कमी हुई और मरने की वालो की संख्या 37 अधिक हो गई. इसके बाद दूसरे नंबर पर दौसा में सबसे अधिक हादसें, मौत और घायल लोगों के आंकड़ें है जहां तीसरे नंबर पर अलवर जिला है.