इस्लामाबाद। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ से उसका प्रतिष्ठित ‘बल्ला’ चुनाव चिह्न छीन लिया है, जो इसके संस्थापक इमरान खान के पूर्व क्रिकेट जीवन को दर्शाता है। अपने फैसले की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय ईसीपी पीठ ने पीटीआई के अंतर-पार्टी चुनावों को गैरकानूनी घोषित किया है। आयोग ने पाकिस्तान तहरीकए-इंसाफ के पूर्व सदस्य अकबर एस बाबर की याचिका पर यह फैसला दिया। इसमें दावा किया था कि पाकिस्तान तहरीक-एइंसाफ ने नियमों के अनुरूप चुनाव नहीं कराया था।
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यह पूर्व सत्ताधारी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वह 8 फरवरी को चुनाव होने हैं। पीटीआई के संस्थापक इमरान पहले से ही सलाखों के पीछे हैं और उनकी रिहाई जल्द होती नहीं दिख रही है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने आदेश में कहा कि पीटीआई ने हमारे निर्देशों का पालन नहीं किया है और प्रचलित संविधान, 2019 और चुनाव अधिनियम, 2017 और चुनाव नियम, 2017 के अनुसार अंतर-पार्टी चुनाव कराने में विफल रही।
कोर्ट में चुनौती दे सकती है पीटीआई
आयोग के निर्णय के बाद जेल में बंद इमरान खान के करीबी सहयोगी गौहर खान ने पीटीआई के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के कुछ ही दिन अपना यह पद खो दिया। पाकिस्तान चुनाव आयोग के फैसले के बाद पीटीआई या तो इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे सकती है या फिर अपने उम्मीदवारों को निर्दलीय के तौर पर चुनाव में उतार सकती है। यह किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन भी कर सकता है ताकि उसके उम्मीदवार चुनावों में उस पार्टी के चिह्न का उपयोग कर सकें।
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