अजमेर। राजस्थान के अजमेर की एक अदालत ने नाबालिग बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में अहम फैसला सुनाया। जिसमें आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 24 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। रूपेंद्र परिहार ने कहा है कि मुंह बोले मामा द्वारा नाबालिग बच्ची को हवस का शिकार बनाने के मामले में सजा सुना दी है। दरअसल केकड़ी थाना क्षेत्र से एक नाबालिग बच्ची शौच के लिए गई थी।
जो देर रात तक घर नहीं लौटी। बच्ची के पिता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। लगभग 2 महीने बाद आरोपी के कब्जे से बालिका को दस्तयाब किया गया। आरोपी के पीड़िता की मां राखी बांधती थी। पीड़िता ने अपने बयानों में बताया कि आरोपी उसे अपने साथ ले गया और उसके साथ कई बार जबरन दुष्कर्म किया।
इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में चार्जशीट पेश की। अभियोजन पक्ष की तरफ से 7 गवाह और 23 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए, जिसके आधार पर न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 24 हजार रुपए जुर्माने से दंडित करने की सजा सुनाई। साथ ही न्यायाधीश ने बच्चियों के साथ बढ़ती घटनाओं को लेकर टिप्पणी की कि इस तरह के आरोपियों के साथ नरम रुख बरतना उचित नहीं है।
( इनपुट: नवीन वैष्णव अजमेर)